सरकार के द्वारा राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र, पोर्टल और ऐप को लॉन्च किया गया |

भारत सरकार के द्वारा भूस्खलन के खतरों को कम करने तथा इससे प्रभावित हुए लोगों को पहले से चेतावनी देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने कोलकाता में राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र की स्थापना की है तथा इसके साथ -साथ भूसंकेत वेब पोर्टल और भूस्खलन मोबाइल ऐप को लॉन्च किया है।

भारत सरकार के द्वारा 2030 तक उन सभी राज्यों में जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड आदि, जहाँ भू स्खलन का खतरा अधिक रहता है, वहां पर भूस्खलन पूर्वानुमान केन्द्रों की एक श्रंखला को स्थापित करने की है |

राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र, पोर्टल और ऐप का उद्घाटन

कोलकाता में राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र, भूसंकेत वेब पोर्टल और भूस्खलन मोबाइल ऐप का उद्घाटन केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 19 जुलाई 2024 को किया।

राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र की स्थापना भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) धारित्री परिसर, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में की गई है।

भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र, वेब पोर्टल और ऐप का कार्य

नयी टेक्नोलॉजी से लैस विकसित राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र का कार्य स्थानीय प्रशासन को प्रारंभिक चेतावनी और जानकारी प्रदान करना है और भूस्खलन की सूची को अपडेट करना और पूर्वानुमान की सटीकता को बढ़ाने के लिए वास्तविक समय की वर्षा और ढलान अस्थिरता डेटा को भी एकीकृत करना है |

वेब पोर्टल, भूस्खलन मोबाइल ऐप, दैनिक भूस्खलन पूर्वानुमानों के त्वरित प्रसार को सक्षम करेगा और हितधारकों को भूस्खलन की घटनाओं पर स्थानिक और लौकिक जानकारी को साझा करने और अपडेट करने की अनुमति देगा।

भारत में भूस्खलन एवं भूस्खलन प्रवण क्षेत्र

भूस्खलन गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव के कारण पहाड़ की ढलान से नीचे की ओर धरती, चट्टानों या मलबे का बड़े पैमाने पर खिसकना है। यह अचानक या लगातार धीरे-धीरे लंबे समय तक हो सकता है।

भारत में सबसे अधिक भूस्खलन वाले क्षेत्र हिमालय क्षेत्र हैं, इसके बाद पूर्वोत्तर पर्वत श्रृंखलाएँ, पश्चिमी घाट, नीलगिरी, पूर्वी घाट और विंध्य पर्वत श्रृंखलाएँ हैं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले, सिक्किम, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन पुरानी समस्याएँ पैदा करता है, जिससे देश को हर साल अरबों रुपये का आर्थिक नुकसान होता है,

इसलिए पहला राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र की सेवा करेगा, कोलकाता में स्थापित किया गया है।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के बारे में

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की स्थापना 1851 में रेलवे के लिए कोयला-असर वाले क्षेत्रों को खोजने के लिए की गई थी।

वर्तमान में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का मुख्य कार्य राष्ट्रीय खनिज संसाधन मूल्यांकन और भूवैज्ञानिक जानकारी बनाना और उसे अद्यतन करना है। यह केंद्रीय खान मंत्रालय के अधीन आता है।

इसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है |

जीएसआई के क्षेत्रीय कार्यालय: लखनऊ, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद, शिलांग और कोलकाता

FAQ

राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र किस स्थान पर स्थापित किया गया है?

कोलकाता

राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र, भूसंकेत वेब पोर्टल और भूस्खलन मोबाइल ऐप का उद्घाटन किसके द्वारा किया गया ?

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कोलकाता में इनका उद्घाटन किया

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